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- New Study On The Oxford AstraZeneca Vaccine: Dose Will Determine How Effective The Vaccine Will Be, The Effect Will Be Greater If Half The Dose Is Reduced.
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वॉशिंगटन36 मिनट पहले
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एस्ट्रेजेनेका और ऑक्सफोर्ड ने अपनी वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए यूके, यूरोप और अमेरिका के रेगुलेटरी बॉडी से इजाजत मांगी है।- सिम्बोलिक इमेज
हेल्थ जर्नल लैंसेट ने ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के ट्रायल की पहली पूरी रिपोर्ट पब्लिश की है। यह दुनिया की किसी भी वैक्सीन के तीसरे फेज की ट्रायल के बाद पब्लिश हुई पहली रिपोर्ट है। इसके मुताबिक, ट्रायल में शामिल 24 हजार लोगों में से सिर्फ 3 लोगों पर असर अच्छा नहीं रहा। इसे लगाने के बाद किसी भी वॉलंटियर को न तो अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा और न किसी की मौत हुई। कोवैक्सिन बिना लक्षण वाले संक्रमण (एसिम्प्टोमैटिक इन्फेक्शन) को रोकने में भी 27% कारगर रही।
लैंसेट के मुताबिक,यूके और ब्राजील में 11 हजार 636 लोग ट्रायल में शामिल हुए। इनमें से 5,807 वैक्सीन ग्रुप में शामिल थे, जिन्हें पूरा डोज दिया गया। वहीं 5,829 लोग कंट्रोल ग्रुप में थे, जिन्हें पहले आधा और उसके बाद पूरा डोज दिया गया। इस ट्रायल में वैक्सीन 70% तक कारगर रही।
कई देशों में वैक्सीन के इस्तेमाल की इजाजत मांगी गई
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और पार्टनर एस्ट्राजेनेका कई देशों के रेग्युलेटर्स से वैक्सीन की मंजूरी मांग रहे हैं। उन्होंने ब्रिटेन और ब्राजील में अपनी वैक्सीन पर हुए ट्रायल के आधार पर इसे इस्तेमाल की इजाजत देने की मांग की है। ऑक्सफोर्ड ने पहले की ट्रायल के आधार पर कोवैक्सिन के 62% तक कारगर होने की बात कही थी। अब इस पर यूके, यूरोप और अमेरिका की रेगुलेटरी बॉडी को फैसला लेना है।
गलती से कुछ लोगों को आधी खुराक दे दी गई
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने एक ट्रायल में कुछ लोगों को गलती से आधी खुराक दे दी। इसके बाद उन पर इसका ज्यादा असर हुआ। पहले रिसर्चर्स को लग रहा था कि वैक्सीन की दो पूरी खुराक देने से यह ज्यादा अच्छा काम करेगा। हालांकि, एक छोटे ग्रुप को ट्रायल में आधी खुराक देने से चूक गए। वॉलंटियर्स के जिस ग्रुप को आधी खुराक कम दी गई उसमें 1,367 लोग शामिल थे। इनमें से कोई भी 55 साल से ज्यादा का नहीं था। इसके बाद वैक्सीन पर सवाल उठने शुरू हो गए थे।
दुनिया के लिए अहम मानी जा रही है यह वैक्सीन
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका की वैक्सीन दुनिया के लिए काफी अहम मानी जा रही है। इसे तैयार करना और इसका डिस्ट्रीब्यूशन दूसरी वैक्सीन की तुलना में आसान है। इसे स्टोर करने के लिए बहुत लो टेम्परेचर की जरूरत नहीं होगी। यूनाइटेड नेशन्स (UN) के कोवैक्स प्रोग्राम के तहत इस वैक्सीन की 300 करोड़ डोज तैयार करनी हैं। इन्हें पूरी दुनिया में भेजा जाएगा। ब्रिटेन ने इसके 1 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया है। इनमें से 40 लाख डोज वहां पहुंच भी चुके हैं।