- आरबीआई ब्याज दरें तय करते वक्त खुदरा महंगाई को ध्यान में रखता है, फरवरी में यह दर 6.58% थी
- कोरोनावायरस और लॉकडाउन की वजह से आरबीआई ने पिछले दिनों रेपो रेट 0.75% कम किया था
हलचल टुडे
Apr 09, 2020, 12:11 PM IST
नई दिल्ली. खुदरा महंगाई दर फरवरी की 6.58% के मुकाबले मार्च में घटकर 5.93% रह सकती है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के 40 अर्थशास्त्रियों के सर्वे में यह अनुमान सामने आया है। खाद्य वस्तुएं और ईंधन सस्ता होने और लॉकडाउन की वजह से महंगाई दर में कमी आने की उम्मीद है।
आने वाले दिनों में महंगाई तेजी से घटेगी
महंगाई दर 5.93% रहती है तो नवंबर 2019 के बाद सबसे कम होगी। एचडीएफसी बैंक की सीनियर इकोनॉमिस्ट साक्षी गुप्ता का कहना है कि आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती की वजह से महंगाई दर में जितनी कमी की उम्मीद पहले की जा रही थी अब उससे कहीं ज्यादा कमी आएगी। सोसाइट जनरल के इकोनॉमिस्ट कुनाल कुंडू के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेज गिरावट जारी रहेगी। सोशल डिस्टेंसिंग के चलते ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन जैसे सेक्टर पर असर पड़ने की वजह से कोर इन्फ्लेशन में गिरावट आएगी।
मौजूदा हालात में आरबीआई के लिए महंगाई दर अहम नहीं
महंगाई दर में कमी आने से आरबीआई के पास ब्याज दरों में कटौती करने की गुंजाइश भी रहेगी। आरबीआई ब्याज दरें तय करने वक्त खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है। हालांकि, एएनजेड की इकोनॉमिस्ट रिनि सेन का मानना है कि मौजूदा आर्थिक संकट को देखते हुए आरबीआई का फोकस महंगाई पर नहीं होगा।
आरबीआई ने ब्याज दर 0.75% घटाई थी
अर्थव्यवस्था पर लॉकडाउन के असर को देखते हुए आरबीआई ने पिछले दिनों रेपो रेट में 0.75% कमी की थी। लोन की किश्त चुकाने में भी 3 महीने की राहत दी थी। गरीबों, किसानों, मजदूरों को राहत देने के लिए सरकार ने भी 1.70 लाख करोड़ रुपए का पैकेज घोषित किया था।