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नई दिल्ली9 घंटे पहले
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- सरकारी सपोर्ट या सब्सिडी नहीं होने पर 2021-26 के दौरान सिर्फ 29,500 करोड़ के मदरबोर्ड एक्सपोर्ट किए जा सकेंगे
- ICEA और EY की रिपोर्ट के मुताबिक 2020-21 में हो सकता है 2,200 करोड़ रुपये के PCBA स्टैंडअलोन का एक्सपोर्ट
सरकार सपोर्ट दे तो अगले पाँच साल में आठ लाख करोड़ रुपये तक के मदरबोर्ड यानी प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (PCBA) एक्सपोर्ट किया जा सकता है। इस बात का जिक्र इंडस्ट्री बॉडी इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन ICEA और प्रोफेशनल सर्विसेज नेटवर्क EY ने अपनी ज्वाइंट रिपोर्ट में किया है। रिपोर्ट के मुताबिक अगर सरकार इंडस्ट्री को किसी तरह का सपोर्ट या सब्सिडी नहीं देती है तो 2021-26 के दौरान सिर्फ 29,500 करोड़ रुपये के मदरबोर्ड एक्सपोर्ट किए जा सकेंगे।
सपोर्ट नहीं मिलने पर होगा सिर्फ 29,500 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट
ICEA के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू का कहना है कि देश से 2026 तक कुल 8 लाख करोड़ रुपये के मदरबोर्ड का एक्सपोर्ट किया जा सकता है, यह बात सरकार को समझना होगा। ज्वाइंट रिपोर्ट के मुताबिक, “अगर सरकार की तरफ से PCBA के लिए 4-6 पर्सेंट का एक्सपोर्ट सपोर्ट दिया जाता है तो 2025-26 तक लगभग 109 अरब डॉलर यानी 8 लाख करोड़ रुपये के PCBA का एक्सपोर्ट किया जा सकता है। अगर सरकार की तरफ से कोई सपोर्ट नहीं मिलता है तो मदरबोर्ड का एक्सपोर्ट महज 4 अरब डॉलर यानी 29,500 करोड़ रुपये तक रह सकता है।”
2026 तक 6.4 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा इंडियन PCBA मार्केट
मोहिंद्रू के मुताबिक, इंडिया में PCBA का लगभग दो लाख करोड़ रुपये का बाजार है, जिसका आकार 2021-26 के दौरान 6.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। नेशनल पॉलिसी ऑन इलेक्ट्रॉनिक्स 2019 (NPE) में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का टर्नओवर 2025 तक बढ़कर 400 अरब डॉलर (26 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया था। पॉलिसी में इस दौरान 190 अरब डॉलर (Rs 13 लाख करेड़ रुपये) का टर्नओवर मोबाइल फोन सेगमेंट से हासिल होने का जिक्र किया गया है।
सरकार से PCBA प्रॉडक्शन के लिए अलग से इनसेंटिव की मांग
ICEA के मुताबिक, NPE में IT हार्डवेयर यानी लैपटॉप और टैबलेट की मैन्युफैक्चरिंग से 7 लाख करोड़ रुपये और PCBA की मैन्युफैक्चरिंग से 8 लाख करोड़ का कंट्रिब्यूशन होगा। मोहिंद्रू कहते हैं, “हमने सरकार से PCBA प्रॉडक्शन के लिए अलग से इनसेंटिव मांगा है। इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स का बेस PCBA होता है और इंडिया में इसका अधिकांश कंजम्पशन मोबाइल डिवाइसेज में होता है।”
चीन और वियतनाम से कॉस्ट के मोर्चे पर पिछड़ जाता है एक्सपोर्ट
मोहिंद्रू का कहना है कि घरेलू कंपनियों को चीन, वियतनाम जैसे एशियाई देशों के मुकाबले कॉम्पिटिशन में लाने के लिए सरकार को लागत के मोर्चे पर आने वाली दिक्कतों को दूर करना होगा। उनके मुताबिक, “PCBA का एक्सपोर्ट कॉस्ट के मोर्चे पर चीन और वियतनाम जैसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी वाले फॉरेन हब से पिछड़ जाता है। चीन में आरएंडडी एक्टिविटी के लिए कई तरह के इनसेंटिव और एक्सपोर्ट गुड्स पर टैक्स बेनेफिट मिलते हैं। वहां एक्सपोर्ट कल्चर को प्रमोट करने वाली पॉलिसी है, वैल्यू चेन में बड़े पैमाने पर निवेश होता है और ग्लोबल प्लेयर्स से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर होता है।”
2020-21 में 2,200 करोड़ रुपये के PCBA के एक्सपोर्ट का अनुमान
रिपोर्ट के मुताबिक, 2019-20 में मोबाइल फोन के लिए 1,100 करोड़ रुपये के स्टैंडअलोन PCBA का एक्सपोर्ट हुआ था और 2020-21 में 2,200 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट होने का अनुमान है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स के लिए स्टैंडअलोन PCBA का एक्सपोर्ट 2022-23 से ही शुरू हो सकता है। फिलहाल इसकी मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी बढ़ाई जा रही है।