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जयपुर21 मिनट पहलेलेखक: विष्णु शर्मा
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- शहर में 11 नवंबर से तेजी से बढ़ने लगी थी कोरोना संक्रमण की रफ्तार
- 21 नवंबर से नाइट कर्फ्यू और शाम 7 बजे दुकानें बंद करने का आदेश आया था
जयपुर में नवंबर के दूसरे हफ्ते से अचानक कोरोना पॉजिटिव केसों का ग्राफ बढ़ने लगा। 11 नवंबर से रोजाना 450 से ज्यादा केस आने शुरू हो गए। दिन प्रतिदिन यह आंकड़ा बढ़ता गया और 16 नवंबर को 538 पॉजिटिव केसों ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। ऐसे में प्रदेश सरकार ने 20 नवंबर को जयपुर सहित आठ जिलों में नाइट कर्फ्यू लगाने का आदेश जारी कर दिया।

जयपुर के परकोटे में लगने वाला हाट बाजार, यहां सैकड़ों की भीड़, लेकिन चेहरों से मास्क गायब।
अगले दिन से ही कर्फ्यू रात 8 बजे से शुरू होना था, लेकिन शाम 7 बजे से ही दुकानें बंद करने के आदेश भी जारी कर दिए गए। लगातार जारी हो रहे ऑर्डर में कोरोना केसों पर कंट्रोल के लिए नाइट कर्फ्यू लगाने और इसके पालन के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को फ्री हैंड भी दे दिया। इसके बावजूद जयपुर में कोरोना केसों में कमी नहीं आई।

SMS अस्पताल का धनवंतरी भवन। यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग रखने के इंतजाम नहीं।
हलचल टुडे ने नाइट कर्फ्यू लगाने के 10 दिन पहले और इसके बाद के 10 दिनों में आए कोरोना पॉजिटिव केसों के आंकड़े जुटाए तो पता चला कि नाइट कर्फ्यू लगाए जाने के बाद 10 दिनों में कोरोना पाॅजीटिव केस कम होने की बजाय 29% बढ़ गए। भास्कर संवाददाता ने दिन और नाइट के कर्फ्यू के वक्त की बाजारों में पड़ताल की।

शहर के परकोटे में स्थित सब्जी मंडी में भीड़। यहां भी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा जा रहा।
सुबह बाजारों में न चेहरे पर मास्क, न 2 गज की दूरी, रात को सिर्फ दुकानें बंद
भास्कर संवाददाता ने रात के वक्त बाजारों में रियलिटी चेक की तो सामने आया कि नाइट कर्फ्यू के नाम पर सिर्फ दुकानें ही बंद हो रही हैं। शहरवासियों की आवाजाही वैसे ही जारी है, जैसे नाइट कर्फ्यू से पहले थी। बाजारों में आवाजाही बे-रोकटोक जारी थी। शाम 7 बजे पुलिस दुकानें बंद कराने के लिए अनाउंसमेंट करती जरूर नजर आई।

कोरोना की रोकथाम के लिए नाइट कर्फ्यू लागू कर दिया। इसके बावजूद लोगों की आवाजाही जारी है
दुकानदारों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से पहले ही नुकसान में हैं। शादियों का सीजन आया तो कर्फ्यू लगाकर धंधा चौपट कर दिया। कुछ व्यापारियों ने कहा कि सरकार का नाइट कर्फ्यू का फैसला गलत है। कुछ व्यापारियों ने इसे सही बताया, लेकिन कहा कि दुकानों से ज्यादा भीड़ तो मंडियों और हाट बाजार में है। वहां कोरोना के नियमों का सख्ती से पालन कराना चाहिए, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा, ऐसे में कोरोना कैसे कंट्रोल होगा?

व्यापारियों का कहना है कि सरकार नाइट कर्फ्यू भले ही लगाए। लेकिन, पहले दिन में कोरोना गाइड लाइन का पालन नहीं करने वालों से सख्ती से निपटे।
मंडियों और हाट बाजारों में बुरा हाल, कोरोना गाइड लाइन की उड़ रहीं धज्जियां
जब हम सुबह के वक्त शहर के बाजारों में घूमे, मंडियों में जायजा लिया तो लोगों की भारी भीड़ खरीदारी करते नजर आई। यहां सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही थीं। ज्यादातर लोगों के चेहरों पर तो मास्क नहीं था। ऐसे लोगों पर कार्रवाई के लिए बनाई गई टीमें भी नजर नहीं आईं। सबसे बुरा हाल शहर के परकोटे का है।

बाजारों में इस भीड़ पर कंट्रोल नहीं होगा तो कोरोना कैसे रुकेगा।
रात के वक्त बेवजह घूमने वालों पर कोई एक्शन नहीं
जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के आंकड़े देखे तो पता चला कि जयपुर शहर उत्तर और पश्चिम जिले में पुलिस ने पिछले 24 घंटों में कोई कार्रवाई नहीं की। नाइट कर्फ्यू के दौरान किसी भी थाना इलाके में कोई स्पेशल नाकाबंदी नजर नहीं आई। ऐसे एक भी चालक की गाड़ी जब्त नहीं की गई, जो बेवजह रात को बावजूद घूम रहे थे। पुलिस ने 242 लोगों पर कार्रवाई कर महज 6400 रुपए वसूले हैं। इनमें जयपुर पूर्व में मास्क नहीं लगाने पर 59 लोगों के चालान काटे। वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग की पालन नहीं करने पर 8 लोगों और साउथ जिले में 98 लोगों से जुर्माना वसूला गया।
जयपुर में नाइट कर्फ्यू से पहले 10 दिनों में 4812 कोरोना पॉजिटिव केस
11 नवंबर- 450 केस
12 नवंबर- 460 केस
13 नवंबर- 475 केस
14 नवंबर- 406 केस
15 नवंबर- 498 केस
16 नवंबर- 538 सबसे ज्यादा रिकॉर्ड केस
17 नवंबर- 484 केस
18 नवंबर- 468 केस
19 नवंबर- 519 केस
20 नवंबर- 514 केस
नाइट कर्फ्यू के बाद 10 दिनों में आए 6224 कोरोना पॉजिटिव केस
21 नवंबर- 551 केस
22 नवंबर- 603 केस
23 नवंबर- 599 केस
24 नवंबर- 656 केस
25 नवंबर- 615 केस
26 नवंबर– 630 केस
27 नवंबर- 643 केस
28 नवंबर- 627 केस
29 नवंबर- 555 नए केस
30 नवंबर- शहर में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड 745 केस आए
इसके बाद भी जयपुर में 1 दिसंबर से लगातार 650 से ज्यादा केस आ रहे हैं।