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14 मिनट पहले

- ट्रायल्स में वैक्सीन लगवाने के दो हफ्ते में ही हरियाणा के मंत्री अनिल विज पॉजिटिव निकले थे
स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन बनाने वाली हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक का कहना है कि ट्रायल्स में शामिल वॉलंटियर अगर पॉजिटिव आते हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है। ट्रायल का डिजाइन ही कुछ ऐसा है कि 130 वॉलंटियर पॉजिटिव हो सकते हैं। कंपनी की ओर से सरकार की क्लीनिकल ट्रायल वेबसाइट पर यह जानकारी दी गई है।
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हरियाणा के स्वास्थ्य और गृह मंत्री अनिल विज भी कोवैक्सिन के ट्रायल्स में शामिल हुए थे। दो हफ्ते बाद वे पॉजिटिव हो गए। इससे कोवैक्सिन के ट्रायल्स को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे थे। कंपनी के मुताबिक इस तरह के केस अनुमान से हटकर नहीं हैं। जब इस तरह के इंफेक्शन के केस एक-तिहाई या दो-तिहाई तक पहुंच जाएंगे तब कंपनी एनालिसिस करेगी। इस आधार पर तय होगा कि ट्रायल्स में शामिल कितने वॉलंटियर्स का कितने समय तक फॉलोअप किया जाए।
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विज ने सोशल मीडिया पर बताया था कि पहला डोज लगाने के 15 दिन के भीतर ही उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इस पर भारत बायोटेक ने शनिवार को बयान जारी कर कहा था कि कोवैक्सिन के दो डोज 28 दिन के अंतर से दिए जा रहे हैं। दूसरे डोज के दो हफ्ते बाद ही यह कहा जा सकेगा कि वैक्सीन कितनी असरदार है। कोविड-19 वैक्सीन बना रही अंतरराष्ट्रीय फार्मा कंपनियों ने भी हजारों वॉलंटियर्स को फेज-3 ट्रायल्स में शामिल किया और उनका ट्रायल डिजाइन भी इसी तरह का है।
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फाइजर के पास 170 केस का एनालिसिस है। वहीं, मॉडर्ना ने 95 केस के नतीजों की घोषणा की है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका के वैक्सीन के ट्रायल्स में 131 केस सामने आने के बाद एनालिसिस सामने आया। वहीं, रूस की स्पुतनिक V वैक्सीन के ट्रायल्स में 26 केस सामने आए। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन-कोवीशील्ड को छोड़कर बाकी सभी वैक्सीन 92% से ज्यादा असरदार रही हैं। कोवीशिल्ड, जिसके टेस्ट पुणे के सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) करवा रहा है, 62-90% की रेंज में असरदार रही है। वैक्सीन डोज की क्वांटिटी बदलते ही अलग नतीजे सामने आए। स्पूतनिक V को रूस में इमरजेंसी अप्रूवल मिला है, वहीं फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को UK और बहरीन में। भारत समेत अन्य देशों में ड्रग रेगुलेटर के फैसले का इंतजार है।