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- 36 British MPs Support Punjab Haryana Farmers Protest Against Farm Laws In Delhi
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नई दिल्ली5 घंटे पहले
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कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसान दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
ब्रिटेन के कुछ सांसदों ने दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर चिंता जताई है। लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह धेसी की अगुआई में लेबर पार्टी के 36 सांसदों ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब को चिट्ठी लिखकर यह मुद्दा उठाने के लिए कहा है।
तनमनजीत सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पंजाब और भारत के किसान कृषि बिल के खिलाफ शांति से प्रदर्शन कर रहे हैं। अक्टूबर में किसानों से हमारी मुलाकात हुई थी। इस चर्चा में लगा कि उनके साथ अन्याय हुआ है।
Farmers from the Punjab and across India are peacefully protesting against #FarmersBill2020.
Following our October meet, further discussions and given strong sense of injustice felt by many constituents, cross-party letter from British MPs has been sent to the Foreign Secretary. pic.twitter.com/l8aZWiekor
— Tanmanjeet Singh Dhesi MP (@TanDhesi) December 4, 2020
तनमनजीत सिंह ने कहा- भारत सरकार ने कोरोना वायरस के बावजूद नया कानून बनाया है। सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने और फसल की सही कीमत तय करने में नाकाम रही है। इसकी आलोचना हो रही है।
नए कृषि कानून का भारत के सभी राज्यों के किसानों पर असर होगा। हालांकि, यह मुद्दा खास तौर पर ब्रिटेन में रहने वाले सिखों और पंजाब से जुड़े लोगों के लिए चिंता की बात है। कई ब्रिटिश सिखों ने अपने सांसदों को सामने यह बात रखी है। अपने परिवार के लोगों और पंजाब की पुश्तैनी जमीन की वजह से इन लोगों पर इसका असर होगा।
उन्होंने कहा कि पंजाब की तीन करोड़ आबादी का लगभग तीन-चौथाई हिस्सा खेती से जुड़ा है। इसलिए ये नए कानून पंजाबियों को बड़ी समस्या खड़ी करते हैं। कुछ ने तो इसे किसानों का डेथ वारंट बताया है।
कनाडा भी उठा चुका है यह मुद्दा
किसानों के प्रदर्शन के मुद्दा कनाडा भी उठा चुका है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने किसानों आंदोलन को लेकर शनिवार को कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार के लिए हमेशा आवाज उठाते रहेंगे। उन्होंने यह बात दूसरी बार कही है।
उनके पहले बयान पर विदेश मंत्रालय ने आपत्ति जताते हुए गुरुवार को कहा था कि ऐसे बयानों से दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ सकते हैं। साथ ही कनाडा के राजदूत को भी तलब किया था।